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कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसले, तो महंगे पेट्रोल, डीजल से मिल सकती है बड़ी राहत

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महंगे पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol-Diesel Prices) से बड़ी राहत मिल सकती है. सरकारी तेल कंपनियों ने ये संकेत दिए हैं कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम (Crude Oil Price) 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे लुढ़का और कीमतें वहां स्थिर हो जाती हैं तो सरकारी तेल कंपनियों रोजाना आधार पर कीमतों में बदलाव करने की शुरुआत करेंगी.

ऑयल इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की मार्केटिंग कंपनियां रोजाना बेसिस पर तभी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करना शुरू करेंगी, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से नीचे स्थिर हो जाएंगी. तीनों खुदरा सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने पिछले 20 महीने से लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखा हुआ है. अप्रैल 2022 के पहले हफ्ते के बाद से इन तीनों कंपनियों ने कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि केंद्र सरकार ने मई 2022 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) घटाकर जरुर लोगों को महंगाई (Inflation) से राहत दी थी.

फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. तेल कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में काफी अस्थिरता है और कीमतों में बेतहाशा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘तेल कंपनियां इस समय कीमतों में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती हैं और ऐसा करने पर हर कोई तारीफ करेगा. लेकिन, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतें बढ़ेंगी, तो क्या उन्हें दरें बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी, इस पर संदेह है.’ एक दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘किसी दिन डीजल बेचने पर मुनाफा होता है, लेकिन किसी दिन नुकसान. कीमतों का कोई स्पष्ट रुझान नहीं है.

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