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शेयर बाजार में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन बातों का ख्याल रखें

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मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार अगर आप शेयर बाजार से स्टॉक खरीदना या बेचना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट (Demat Account) का होना जरूरी है. आपका डीमैट अकाउंट विभिन्न सिक्योरिटीज जैसे डेरिवेटिव, बॉन्ड, कमोडिटी और म्यूचुअल फंड में स्टॉक निवेश और ट्रेडिंग के गेटवे के रूप में काम करता है. शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत होती है एक डीमैट अकाउंट खुलवाने से और अपने लिए एक ब्रोकर को चुनने से.

सिर्फ डीमैट अकाउंट खुलवा लेना ही आपके निवेश का उद्देश्य को पूरा नहीं करता. इसके लिए आपको जरूरत होती है कि एक सही ब्रोकर की, जो आपके लिए शेयरों की खरीद-फरोख्त करता है. आपके डीमैट अकाउंट के लिए सही ब्रोकर का चयन करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि बैंकिंग ट्रांजैक्शन के लिए उपयुक्त बैंक अकाउंट चुनना.

डीमैट अकाउंट की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी
हाल के सालों में शेयरों के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण डीमैट अकाउंट की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. भारत के पहले लॉकडाउन के दौरान साल 2019 में डीमैट अकाउंट खोलने में बढ़ोतरी ने मोमेंटम पकड़ी. इस दौरान रिटेल निवेशकों के बीच डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्मों (Discount Broking Firms) की लोकप्रियता बढ़ी, जो डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरी. इन कंपनियों ने मोबाइल ऐप (APP) के माध्यम से अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान की.

क्या होता है स्टॉक ब्रोकर
स्टॉक ब्रोकर एक SEBI-रजिस्टर्ड मध्यस्थ और स्टॉक एक्सचेंज का मेंबर होता है, जो स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर ट्रेड एक्सक्यूट करने के लिए ऑथराइज्ड होता है.

भारत में 40 फीसदी है Groww और Zerodha की हिस्सेदारी
ग्रो (Groww) और जेरोधा (Zerodha) जैसी डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्मों के पास भारत के 40 फीसदी से ज्यादा एक्टिव ग्राहक हैं. यह ट्रेंड केवल भारत तक ही सीमित नहीं है. दुनिया भर में डिस्काउंट ब्रोकिंग कंपनियां बाजार पर हावी हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिका के वित्तीय बाजारों में ऑनलाइन डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म रॉबिनहुड (Robinhood) की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.

डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म
पिछले 4 सालों में डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म्स ट्रेडिशनल फुल सर्विस ब्रोकिंग फर्म्स से आगे बढ़ गई हैं. वे न्यूनतम या फ्री डीमैट अकाउंट मेंटनेस चार्ज के साथ कम ब्रोकरेज चार्ज या फ्लैट फीस की पेशकश करते हैं. वे स्टॉक, कमोडिटी और फॉरेक्स में ट्रेडिंग भी प्रदान करते हैं. इसके अलावा इन डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म्स ने डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है. ये कंपनियां युवा और टेक-सेवी ट्रेडर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मोबाइल ऐप के माध्यम से ट्रेडिंग सर्विसेज प्रदान करती हैं.

फुल सर्विस ब्रोकिंग फर्म
ट्रेडिशनल फुल सर्विस ब्रोकिंग फर्म्स शेयर बाजार में व्यापक अनुभव का दावा करती हैं. उनके ग्राहकों के साथ दशकों से चले आ रहे लॉन्ग-स्टैंडिंग रिलेशनशिप हैं. ये कंपनियां कॉम्प्रिहेंसिव  सर्विसेंज की पेशकश करती हैं, जिनमें खरीद और बिक्री के आदेशों को निष्पादित करना, मौजूदा मार्केट ट्रेड्स पर रिसर्च प्रदान करना, ट्रेडिंग कॉल जारी करना और इंडस्ट्री-बेस्ड रिपोर्ट पेश करना शामिल है. इसके अलावा वे एसेट मैनेजमेंट और रिटायरमेंट प्लानिंग सर्विसेज प्रदान करते हैं और ट्रेडर्स को विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

शेयर ब्रोकर चुनने में इन बातों का रखें ध्यान

  • डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं.
  • अगर आप शेयर बाजार की हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.
  • आप फुल सर्विस या डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म या दोनों के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आप उस ब्रोकर के चुन सकते हैं जो आपकी ट्रेडिंग जरूरतों और प्रेफरेंस के लिए सबसे फिट हो.
  • ब्रोकर चुनने से पहले बाजार में उसकी छवि जान लेना चाहिए. वहीं, ब्रोकर की सेवाओं और सुविधाओं की संतुष्टि के बाद ही उससे जुड़े।

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