Home Blog विजय दिवस पर भी बाज नहीं आया पाकिस्तान, सीमा पार से भारत...

विजय दिवस पर भी बाज नहीं आया पाकिस्तान, सीमा पार से भारत भेजी 20 करोड़ की 6 किलो हेरोइन, BSF ने पकड़ी

0

आज से 52 बरस पहले 1971 भारत के हाथों करारी शिकस्त खा चुके पाकिस्तान ने भारत की उस पर जीत की रात एक बार फिर नापाक हरकत कर डाली. पाकिस्तान ने राजस्थान में भारत-पाक बॉर्डर पर फिर से ड्रग्स भेजने का गंदा खेल खेला. पाकिस्तान की तरफ से राजस्थान के बाड़मेर जिले में सीमा पार से शुक्रवार आधी रात को तस्करों ने हेरोइन की खेप पहुंचाई. लेकिन सीमा पर मुस्तैद बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने इसे आगे बढ़ने से पहले ही पकड़ लिया. पाकिस्तानी तस्करों ने भारत की सीमा में करीब 20 करोड़ रुपये कीमत की 6 किलो हेरोइन भेजी थी.

सर्दियों के मौसम में पाकिस्तान के तस्कर सक्रिय हो जाते हैं. वे सर्द रातों और कोहरे का फायदा उठाकर भारत में ड्रग्स की तस्करी करते हैं. इसके लिए वे तारबंदी के नीचे से रास्ता बनाकर भारत की सीमा में पहुंचते हैं. बाद में रेतीले धोरों में नशे की खेप को छिपाकर वापस पाकिस्तान भाग जाते हैं. फिर भारतीय सीमा में स्थित अपने तस्कर साथियों को सूचना देकर उसे वहां से उठवा देते हैं. कई बार बीएसएफ को इसकी भनक तक नहीं लग पाती.

बीएसएफ के पास था पहले से इनपुट
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात को भी पाकिस्तानी तस्करों ने ऐसी ही हरकत की. लेकिन सीमा सुरक्षा बल BSF की जी ब्रांच को पहले ही इसका इनपुट मिल गया था. लिहाजा वे अलर्ट थी. पाकिस्तानी तस्कर भारतीय सीमा में ड्रग्स पहुंचाकर वापस जाने में तो सफल हो गए लेकिन उनकी गंदी अमानत बीएसएफ ने खोज निकाली. पाकिस्तानी तस्कर वहां के बीजराड़ थाना इलाके के केलनौर बॉर्डर पर भारत में घुसा. फिर एक पेड़ के नीचे आधी रात को हेरोइन के छह पैकेट दबाकर वापस पाकिस्तान भाग गया. बीएसएफ के जवान जब सुबह खुर्रा चैकिंग कर रहे थे तो उन्हें कुछ पदचिन्ह दिखे.

पेड़ के नीचे दबाकर भागे तस्कर
उसके बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंचे बीएसएफ के अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. वहां एक पेड़ के नीच मिट्टी खोदी हुई मिली. वहां तलाश करने पर जमीन में दबाई हुई छह पैकेट हेरोइन बीएसएफ को मिल गई. बरामद की गई हेरोइन का वजन करीब छह किलो है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसका मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपये बताया जा रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here