इंदौर
निगम मुख्यालय में शिकायत लेकर आई बुजुर्ग महिला को लेकर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा पहुंच गए। महिला ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था। कमिश्नर ने वृद्धा को मौके पर ही प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया और विभाग के कर्मचारी अनिल रानवे को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा अन्य कर्मचारियों को अल्टीमेटम भी दिया और उपायुक्त को कारण बताओ नोटिस भेज कर जवाब मांगा है।
निगम मुख्यालय में जनसुनवाई
निगम मुख्यालय में प्रति मंगलवार होने वाली जनसुनवाई में एक वृद्ध महिला आवेदक पहुंची थी। उसने निगम कमिश्नर शिवम वर्मा से बताया कि उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा में आवेदन किया था, लेकिन उन्हें आज तक प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया।
महिला को लेकर जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा पहुंचे कमिश्नर
इस पर निगमायुक्त खुद वृद्धा को साथ लेकर जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा गए। उनके इस तरह जनसुनवाई के बीच जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा पहुंचते ही वहां हड़कंप मच गया। कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। निगमायुक्त ने शाखा का निरीक्षण किया और प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली। पता चला कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में आने वाले ज्यादातर आवेदन बगैर किसी कारण के लंबित रखे जाते हैं। इससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से किया बर्खास्त
निगमायुक्त ने आवेदक वृद्धा से मौके पर ही पूछा कि आप बताओ यहां के किस कर्मचारी के पास आपका आवेदन लंबित है। निगमायुक्त ने वृद्धा को मौके पर ही प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया और विभाग के कर्मचारी अनिल रानवे को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया।
उपायुक्त को कारण बताओ नोटिस
विभाग की कर्मचारी सुनीता कुरील को फटकार लगाते हुए कहा कि व्यवस्था में सुधार कर लें वरना और सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने अव्यवस्थाओं को लेकर उपायुक्त प्रदीप कुमार जैन को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए दो दिन में जवाब मांगा है।
तीन दर्जन से ज्यादा आवेदन पहुंचे
मंगलवार को निगम जनसुनवाई में 39 आवेदन पहुंचे। जनसुनवाई में विद्युत शाखा के बिलों पर समय पर कार्रवाई नहीं करने की शिकायत मिलने पर निगमायुक्त ने विद्युत शाखा के कर्मचारी प्रवीण सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। निगमायुक्त कक्ष में हुई जनसुनवाई में निगम के सभी अपर आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त, अधीक्षण यंत्री और विभाग प्रमुख उपस्थित थे। कुछ शिकायतों का हाथों-हाथ निराकरण किया गया तो कुछ को संबंधित अधिकारियों के पास तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया गया।