Home धर्म सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा करने से मिलेगी सुख-समृद्धि

सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा करने से मिलेगी सुख-समृद्धि

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हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन मां तुलसी की परिक्रमा करने से लोगों की सभी प्रकार की परेशानियां खत्म हो जाती हैं. जीवन में सुख-समृद्धि कायम बनाए रहने के लिए महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखती हैं और सभी दुखों के निवारण के लिए मां तुलसी की परिक्रमा करती हैं. इस दिन मां तुलसी की पूजा करने और उनकी परिक्रमा करने से महिलाओं के कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि इस दिन की गई तुलसी की परिक्रमा से लोगों के सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

मान्यता है कि तुलसी में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की शक्ति होती है. इसलिए, तुलसी की परिक्रमा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है. शिव और पार्वती की पूजा के साथ तुलसी की पूजा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. तुलसी की परिक्रमा करने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई.आइए जानते हैं…

पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को तड़के सुबह 4 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 31 दिसंबर को तड़के सुबह 3 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. मूल नक्षत्र 29 दिसंबर की रात 11 बजकर 22 मिनट से 30 दिसंबर की रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. वृद्धि योग 29 की रात 9 बजकर 41 मिनट से 30 दिसंबर की रात 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. वृद्धियोग में समस्त कार्यों में वृद्धि का योग बनता है.

तुलसी की परिक्रमा करने की विधि

    सोमवती अमावस्या के दिन सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
    तुलसी के पौधे को गंगाजल से धोकर साफ करें और उनका श्रृंगार करें.
    तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और धूप दें.
    तुलसी के पौधे को फूल, चंदन आदि से सजाएं.
    तुलसी के पौधे की दक्षिणावर्त दिशा में 108 बार बार परिक्रमा करें.
    परिक्रमा करते समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ तुलसी माता नमः मंत्र का जाप करें.
    मां तुलसी से अपनी मनोकामनाएं मांगें.

तुलसी की परिक्रमा कैसे करें.

    सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करके साफ कपड़े पहनें.
    तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं.
    तुलसी के पौधे के चारों ओर दीपक जलाएं.
    तुलसी के पौधे को फूल और चंदन लगाएं.
    तुलसी के पौधे की परिक्रमा करते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
    तुलसी के पौधे को भोग लगाएं और जल चढ़ाएं.

सोमवती अमावस्या का महत्व

सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा करने की परंपरा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण है. यह परंपरा धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. तुलसी की परिक्रमा करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं. तुलसी को हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है. इसे लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है. इसलिए, तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. तुलसी की परिक्रमा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और रोगों से मुक्ति मिलती है. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए तुलसी की पूजा करती हैं. तुलसी की पूजा करने से मन शांत होता है.

 

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