Home मध्यप्रदेश मध्य प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

मध्य प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

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भोपाल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में भाजपा शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करने के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है। भाजपा विधायक और मंत्री जहां कानून लागू करने का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर मुद्दों से भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर आए बयान का समर्थन करते हुए राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि इसे लागू करना जरूरी है क्योंकि हिंदू नाम से आधार कार्ड बनाए हैं। इसलिए जरूरी है कि यूसीसी लागू हो और इस तरह के घुसपैठिए जो मध्य प्रदेश में या कहीं पर हैं, उनको बाहर करना बहुत जरूरी है।

राज्य के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्ष में रही है। यह सिर्फ भाजपा का ही विचार नहीं है, संविधान में अनुच्छेद 44 में भी समान नागरिक संहिता की बात कही गई है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का प्रयत्न है कि एक सेकुलर यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत में लागू हों।

वहीं कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री सचिन यादव ने भाजपा पर मुद्दों को भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपनी सोची समझी रणनीति के तहत मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दों को उठती है। वर्तमान में देश के जो मूल मुद्दे हैं, चाहे किसान, नौजवान या माता-बहनों की सुरक्षा की बात हो, इन सब मुद्दों पर सरकार बात नहीं करना चाहती। उनके समाधान की तरफ कोई कदम उठाना नहीं चाहती । समान नागरिक संहिता जैसे विषय लाकर लोगों का ध्यान भटकाने का काम यह सरकार करती है।

वहीं संसद में चर्चा के दौरान डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से माफी की मांग की।

 

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