Home धर्म अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व

0

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है. ये दिन भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन बप्पा की विधि-विधान से पूजा और व्रत करना बहुत ही शुभ होता है. ऐसा करने से व्यक्ति पर गणेश जी की कृपा होती है. जिससे उसके घर में सुख-शांति का वास होता है, साथ ही उसे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर को मनाई जाएगी. इसकी तिथि 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी. संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन बप्पा की पूजा और व्रत के साथ-साथ दान करने का भी बहुत महत्व है. तो चलिए हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जानते हैं कि इस दिन किन चिजों का दान करना शुभ होता है.

इन चीजों का करें दान
इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए. ऐसा करने से भगवान गणेश के साथ-साथ गौ माता भी कृपा करती हैं. इस दिन हाथी को भी चारा देना चाहिए. इससे शुभ फल मिलते हैं. शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने वाले के जीवन में जो भी दिक्कतें हैं वो धीरे- धीरे दूर हो जाती हैं.

क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त ?
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 मिनट से 6 बजकर 6 तक है. ये मुहूर्त सबसे अधिक शुभ है. वहीं विजय मुहूर्त का समय दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से 2 बजकर 32 मिनट तक है. निशिता मुहूर्त का समय 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक है. अमृत काल का समय शाम 6 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट तक है.

पूजा विधि
    इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके भगवान सूर्य को जल देना चाहिए.
    घर में गंगाजल छिड़क कर बप्पा की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.
    बप्पा को फल और दूर्वा मोदक का भोग जरुर लगाना चाहिए.
    फिर घी का दिया जलाकर बप्पा के मंत्रों का जाप और उनकी आरती करनी चाहिए.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here