Home उत्तर प्रदेश मायावती का बड़ा आरोप, ‘संभल हिंसा में राजनीतिक हित देख रही कांग्रेस-सपा’

मायावती का बड़ा आरोप, ‘संभल हिंसा में राजनीतिक हित देख रही कांग्रेस-सपा’

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लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख व पूर्व मुख्य मुख्यमंत्री मायावती ने संभल हिंसा को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संसद में दोनों दल संभल हिंसा की आड़ में मुस्लिम वोट बैंक को साधने में लगे हैं, जबकि वंचितों पर हो रहे अत्याचार की आवाज कोई नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में वंचित समाज पर अत्याचार किया जा रहा है। मायावती ने इसके लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि देश के बंटवारे से पहले बंगाल के जेस्सोर खुलना क्षेत्र से डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान सभा में भेजा गया था, लेकिन कांग्रेस ने षड्यंत्र के तहत पहले इस क्षेत्र को पाकिस्तान को दे दिया, जो बाद में बांग्लादेश का हिस्सा बन गया।

संभल मुद्दे पर हंगामा, बांग्लादेश मामले में चुप्पी क्यों- मायावती
बहुजन समाज पार्टी मुख्यालय में शनिवार को मायावती ने पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में वंचितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर कांग्रेस व समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष के अन्य दलों ने चुप्पी साध रखी है, जबकि संभल के मुद्दे पर लगातार संसद में हंगामा किया जा रहा है।
 
मायावती ने केंद्र से बांग्लादेश के वंचितों की मदद की मांग की
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ-साथ वंचितों की भी सुरक्षा का इंतजाम करें। बांग्लादेश में हो रही हिंसा में पिस रहे वंचितों को भारत लाने का प्रबंध किया जाना चाहिए। बसपा प्रमुख ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बांग्लादेश के वंचितों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाती है तो इससे सिद्ध हो जाएगा कि वह भी कांग्रेस जैसी ही है।

कांग्रेस और सपा वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं- मायावती
उन्होंने कहा कि संसद में कांग्रेस व सपा दलितों व देशहित के मुद्दों को उठाने की बजाय संभल-संभल चिल्ला रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि जिस प्रकार कांग्रेस व सपा संभल में तुर्क व गैर तुर्क मुसलमानों को बांटकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है, उससे सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने वंचित समुदाय के सांसदों पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले ऐसे सांसदों ने भी अपनी पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए वंचितों के मुद्दों को लेकर चुप्पी साध रखी है।