रांची.
झारखंड के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब यदि कोई अर्हता प्राप्त विद्यार्थी उच्च शिक्षा के क्रम में किसी बैंक से शिक्षा ऋण ले चुका है तो भी वह गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ ले सकेगा। उसे सिर्फ पूर्व का लोन बंद कर संबंधित बैंक से एनओसी प्राप्त करना होगा। इसके बाद उसे उच्च शिक्षा के लिए 15 लाख रुपये तक ऋण मिल सकेगा।
इससे पहले गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में यह शर्त रखी गई थी कि यदि कोई विद्यार्थी पूर्व में किसी बैंक से शिक्षा ऋण ले चुका है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अब यह शर्त हटा ली गई है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसी के साथ इस योजना के कई और नियमों में भी बदलाव किया है।
अब इस योजना का लाभ लेने के लिए त्रिपक्षीय करार के प्रविधान को भी सरल कर दिया गया है। योजना के तहत शिक्षा ऋण के लिए सिर्फ बैंक और विद्यार्थी के बीच करार होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग से करार करने की बाध्यता अब खत्म कर दी गई है। दरअसल, बैंक के साथ-साथ विभाग से भी करार करने में अधिक समय लग रहा था। इससे विद्यार्थियों को समय पर ऋण नहीं मिल पा रहा था। विभाग ने योजना में ये सारे बदलाव उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा पर की है।
स्थानीय निवासी हैं तो झारखंड से 10वीं, 12वीं या डिप्लोमा करना अनिवार्य नहीं
अब इस योजना में एक बड़ा बदलाव यह भी किया गया है कि झारखंड के संस्थानों से डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थी भी इस योजना के लाभुक हो सकते हैं। पूर्व में झारखंड के संस्थानों से दसवीं और 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया था, लेकिन कई विद्यार्थी लेटरल एंट्री के तहत डिप्लोमा के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं। इसलिए इसमें डिप्लोमा भी जोड़ा गया है। अब इसमें यह भी प्रवधान किया गया है कि दूसरे राज्यों के संस्थानों में दसवीं, 12वीं एवं डिप्लोमा उत्तीर्ण विद्यार्थी भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बशर्ते वे झारखंड के स्थानीय निवासी हों और उसके पास मान्य स्थानीयता प्रमाणपत्र हो।
ऑफ कैंपस, एक्सटेंशन सेंटर में पढ़ाई के लिए भी लाभ
पूर्व में इस योजना के क्रियान्वयन में यह स्पष्ट नहीं था कि इस योजना का लाभ किसी संस्थान के ऑफ कैंपस या एक्सटेंशन में पढ़ाई के लिए मिलेगा या नहीं। अब योजना में इसे स्पष्ट कर दिया गया है कि ऑफ कैंपस या एक्सटेंशन सेंटर में पढ़ाई के लिए भी इस योजना के तहत शिक्षा ऋण मिलेगा।